प्रेम शर्मा
प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था और फरवरी में सम्पन्न हुए निवेशकों के तीन दिवसीय महाकुंभ का परिणाम दिखाई पड़ने लगा है। जिस तरह से निवेशकों के प्रति प्रदेश सरकार ने दरियादिली दिखाई है, प्रदेश में कानून व्यवस्था, सड़क परिवहन और ऊर्जा आदि के क्षेत्र में बेहतर महौल तैयार किया है उसका परिणाम आने वाले दिनों में धरातल पर दिखाई देगा। उत्तर प्रदेश एक करोड़ रोजगार के अवसर देने की और अग्रसर हो चुका है। प्रदेश के आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर, अमेठी और एटा में 4500 करोड़ के निरवेश के साथ लगभग 6000 रोजगार के अवसर धरातल पर फलीभूत होते दिखाई पड़ रहे है। पहली बार इन पॉच जिलों के प्रस्ताव 100 प्रतिशत आनलाइन प्रक्रिया के तहत स्वीकार किए जा चुके है। जैव ऊर्जा के क्षेत्र में यूपीनेडा ने सात निवेशकों के 325 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यही नही प्रदेश में पिछड़े जिलों में गिना जाने वाला चन्दौली जिला प्रदेश सरकार की बेहतरीन कार्यशैली के चलते निवेशकों के लिए सबसे अधिक निवेश करने वाला जिला बना गया है। चार निवेशकों द्वारा चन्दौली जिले में 7020 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। अमेठी में 4,761 करोड़ का निवेश करने वाली 30 इकाईयॉ तो पूर्वांचल मेें 20,189 करोड़ खर्च कर 65 इकाईया उघोग स्थापित करने को तैयार है। पश्चिमांचल में 12,051 करोड़ का निवेश के साथ 70 और मध्यांचल में 5200 करोड का निवेश कर 60 तो सबसे पिछड़े क्षेत्र बुन्देलखण्ड में 2872 करोड़ के निवेश के साथ चार इकाइयों की स्थापना अंतिम दौर पर है। एक मोटे अनुमान के अनुसार इतना निवेश होने के बाद प्रदेश में दस लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर अगले तीन माह में फलीभूत हो जाएगे। वास्तव में देखा जाए तो उत्तर प्रदेश को नए भारत का ग्रोथ इंजन बनाने की कड़ी में राजधानी लखनऊ में आयोजित निवेशकों के तीन दिवसीय महाकुंभ में नया इतिहास लिखा जा चुका है। यूपीजीआइएस-23 के माध्यम से 30 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्तावित निवेश न सिर्फ उत्तर प्रदेश की आर्थिक विकास दर को गति देगा बल्कि बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन का जरिया बन युवाओं के सपनों को भी साकार करेगा। ज्ञात हो कि इनवेस्टर समिट में 41 देशों से 400 से अधिक प्रतिभागी के अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से 10 हजार छोटे.निवेशक इस आयोजन का हिस्सा बनें थे। उस दौरानर विदेश से भी 7.12 लाख करोड़ निवेश की उम्मीद की गई थी। देश की सबसे बड़े उद्योगपति अंबानी गु्रप ने इस दौरान खुदरा और नये ऊर्जा कारोबार समेत दूरसंचार नेटवर्क के विस्तार के लिए 75,000 करोड़ रुपये का निवेश करने का वायदा किया था। ऐसे में यूपी को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की प्रबल सम्भावना को नकारा नही जा सकता।
हाल में गलगोटिया विश्वविद्यालय के चांसलर सुनील गलगोटिया और सीईओ ध्रुव गलगोटिया से हुई मुलाकात में उत्तर प्रदेश के कर्मठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विश्वास जताया कि राज्य में निवेशकों द्वारा किए जा रहे 32 लाख करोड़ रुपये के भारी-भरकम निवेश से आने वाले दिनों में यहां करीब एक करोड़ युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सकेगा। सुनील गलगोटिया ने इसका सारा श्रेय मुख्यमंत्री को देते हुए कहा कि यह सब इसलिए संभव हो पा रहा है, क्योंकि मुख्यमंत्री के कुशल नेतृत्व में राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। यही कारण है कि निवेशक कहीं और जाने के बजाय अब भयमुक्त होकर प्रदेश में काम कर पा रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से स्वयं की व्यथा साझा करते कहा कि कानून व्यवस्था बेहद लचर होने के कारण गलगोटिया समूह को भी शुरुआत में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ा था। हर समय भय के माहौल में काम करना पड़ता था पर आज मुख्यमंत्री के सक्षम नेतृत्व के चलते हम बिना किसी डर के प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तायुक्त विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध करा पा रहें हैं।मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की पहल पर बनाए गए प्राइवेट यूनिवर्सिटीज एक्ट 2019 का उल्लेख करते हुए आश्वस्त किया कि इसके जरिए हमारी सरकार ने उच्च शिक्षा में निजी क्षेत्र की हर संभव सहयोग और प्रोत्साहन देने का मार्ग प्रशस्त किया है। इससे उत्तर प्रदेश देश में तेजी से उत्कृष्ट शिक्षा संस्थानों वाला हब बनने की ओर अग्रसर है। सुनील गलगोटिया ने इस बात से पूर्ण सहमति जताते हुए मुख्यमंत्री को इस दिलचस्प तथ्य से अवगत कराया कि पहले जहां उत्तर भारत के युवा उच्च शिक्षा के लिए दक्षिण भारत का रुख करते थे, वहीं सरकार का सक्रिय सहयोग मिलने के बाद माहौल पूरी तरह बदल – जाने से अब दक्षिण भारत सहित अन्य राज्यों के छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश के शिक्षण संस्थानों का रुख करने लगे हैं। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान गलगोटियाज यूनिवर्सिटी के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चर को तेजी से विश्वस्तरीय बनाने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हुए उनका आभार व्यक्त किया। इस मौके पर उन्होंने यह भी कहा कि ग्रेटर नोएडा के जेवर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनने से समूचे प्रदेश के विकास को और अधिक गति मिलेगी। इससे राज्य के युवाओं को हर स्तर पर बड़ी संख्या में रोजगार मिलने से उनमें उत्साह का संचार होगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री के संकल्प, इच्छाशक्ति और विजन से प्रदेश निश्चित ही देश और दुनिया में अपनी अलग पहचान कायम करेगा।
यही नही छह साल पहले तक जिस गीडा में निवेश करने से निवेशक कतराते थे, बदले माहौल में वहां बड़ी इंडस्ट्री लगने का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रतिष्ठित उद्योग समूह मेसर्स अंकुर उद्योग लिमिटेड के इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट का उद्घाटन करेंगे। प्लांट के पूरी क्षमता से संचालित होने के बाद दो हजार लोगों को प्रत्यक्ष और पांच हजार लोगों को परोक्ष रोजगार मिलेगा।गीडा की तरफ से एएल-2 सेक्टर-23 में आवंटित 82 एकड़ क्षेत्रफल में फैले और 550 करोड़ रुपये के निवेश वाले इस प्लांट की स्थापना का कार्य 2020 में शुरू हुआ था। इसमें टीएमएक्स (थरमैक्स पॉवर्ड) सरिया का उत्पादन शुरू हो चुका है। इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट की उत्पादन क्षमता तीन लाख टन प्रति वर्ष की है। यहां 30 मेगावाट बिजली भी पैदा होगी। अंकुर उद्योग लिमिटेड ने प्लांट के विस्तार के लिए 700 करोड़ रुपये के निवेश का मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैडिंग (एमओयू) भी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में किया था।ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट में आए 35 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव को धरातल पर उतारने के लिए तेजी से काम हो रहा है। भूमि पूजन समारोह में यूपीसीडा 40 हजार करोड़ से ज्यादा के प्रस्ताव धरातल पर उतारेगा।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप सितंबर-अक्तूबर में प्रस्तावित पहले भूमि पूजन समारोह के लिए आठ लाख करोड़ के पांच हजार से अधिक एमओयू को छांटे गए हैं। इसके तहत यूपीसीडा ने 40 हजार करोड़ से अधिक के निवेश के लिए जमीन प्राप्त कर ली है। जल्द उन्हें भूमि उपलब्ध करा दी जाएगी। यूपीसीडा को भूमि पूजन समारोह के लिए 1.6 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव का लक्ष्य दिया गया है।यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी के अनुसार 600 निवेशकों से कुल 3.18 लाख करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। इन निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारने के लिए इन्हें पांच श्रेणियों में बांटा गया। इसमें एमएसएमई (50 करोड़ रुपये तक), बड़े (50-200 करोड़ रुपये), मेगा (200-500 करोड़ रुपये), सुपर मेगा (500-5,000 करोड़ रुपये) और अल्ट्रा मेगा (5,000 करोड़ रुपये से अधिक) के रूप में श्रेणीबद्ध किया गया। एमओयू की समीक्षा के लिए तीन चरणों में अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है।पूरे प्रदेश में चार निवेशकों द्वारा सबसे अधिक चंदौली में 7,020 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है। अमेठी में 4,761 करोड़ रुपये के निवेश वाली 30 इकाइयां हैं। निवेशक पूर्वांचल में सबसे ज्यादा निवेश कर रहे हैं। जहां 20,189 करोड़ रुपये के निवेश वाली 65 इकाइयां उद्योग स्थापित करने को तैयार हैं। निवेश का एक और बड़ा हिस्सा पश्चिमांचल में किया जा रहा है, जिसमें 12,051 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 70 इकाइयां स्थापित की जाएंगी। मध्यांचल ने 5200 करोड़ रुपये के निवेश वाली 60 इकाइयों को आकर्षित किया है जबकि बुंदेलखंड 2872 करोड़ रुपये के निवेश के साथ चार इकाइयां उद्योग स्थापित के लिए तैयार हैं। इन इकाइयों से प्रदेश में 1,33,477 रोजगार के अवसर पैदा होंगे। कुल मिलाकर यह कहने में कोई गुरेज नही कि उत्तर प्रदेश में निवेश और नए रोजगार का जो महौल बन रहा है वह आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की अर्थ व्यवस्था को देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे बेहतर साबित होगा।