नई दिल्ली। दुनिया में हर साल अर्थ आवर डे मनाया जाता है। विश्व वन्यजीव कोष (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की तरफ से हर साल मार्च के महीने में आखिरी शनिवार को इसका आयोजन किया जाता है। इस दिन रात साढ़े आठ बजे से साढ़े नौ ब जे तक दुनियाभर के करोड़ों लोग स्वेच्छा से एक घंटे तक लाइट को बंद करते हैं। इसका उद्देश्य धरती को बेहतर बनाने की दिशा में एकजुटता का संदेश देना है। इस बीच रूस ने कहा है कि वह इस साल इस दिन अंधेरा करने से परहेज करेगा। उसने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ को श्विदेशी एजेंटश् करार दिया है।
रूस से मिली रिपोर्ट के मुताबिक क्रेमलिन के प्रेस सचिव ने कहा, इस साल हमने इस प्रतियोगिता में हिस्सा न लेने का फैसला किया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वह (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) एक विदेशी एजेंट बन गया है। पेस्कोव ने कहा कि क्रेमलिन 25 मार्च को अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण आंदोलन अर्थ आवर में शामिल नहीं होगा।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब रूस ने यूक्रेन में हमले के बाद से अधिकांश विदेशी-संबद्ध समूहों पर कार्रवाई की है, जिसमें जलवायु-केंद्रित संगठन भी शामिल हैं। रूसी न्याय मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की रूसी शाखा को विदेशी एजेंट की अपनी सूची में शामिल किया था।
क्रेमलिन की घोषणा से पहले रूस में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि अर्थ ऑवर इस साल केवल ऑनलाइन होगा। अर्थ आवर को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ आयोजित करता है। यह दुनिया भर के लोगों को पर्यावरण के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए 60 मिनट के लिए अपनी रोशनी बंद करने के लिए प्रोत्साहित करता है। प्रतिभागी स्थानीय समयानुसार रात 8रू30 और 9रू30 बजे के बीच एक घंटे के लिए आवासीय भवनों के साथ-साथ शहर के प्रसिद्ध स्थलों और स्मारकों की रोशनी बंद कर देते हैं (यह स्ट्रीट लाइट, एयर नेविगेशन लाइट और ट्रैफिक लाइट पर लागू नहीं होती है)।
अर्थ आवर डे मनाने के पीछे मुख्य वजह ऊर्जा की खपत को बचाना और प्रकृति की सुरक्षा के लिए जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर ध्यान को केंद्रित करना है। इसके साथ ही प्रकृति के नुकसान को रोकना और मानव जाति के भविष्य को बेहतर बनाना है। इसके आयोजन के माध्यम से दुनियाभर के लोगों को हर दिन प्रकृति को होने वाले नुकसान के प्रति जागरुक किया जाता है। इसके अलावा प्रकृति के नुकसान को रोकने के लिए प्रेरित किया जाता है।
अर्थ आवर अभियान को 190 से ज्यादा देशों का सहयोग मिल रहा है। अब यह दुनिया में एक बहुत बड़ा अभियान बन चुका है। दुनियाभर के करोड़ों लोग हर साल इस वैश्विक कार्यक्रम में शामिल होते हैं। अर्थ आवर डे के दिन दुनिया के कई ऐतिहासिक इमारतों की बिजली को बंद कर दिया जाता है। बिजली बंद करने से कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलती है और ऊर्जा की भी बचत होती है।