कीव। रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान सैन्य विशेषज्ञ इस बारे में आशंकित थे कि यह युद्ध कहीं परमाणु युद्ध में न बदल जाए। अब नाटो ने रूस द्वारा बेलारूस में सामरिक परमाणु हथियार रखने की आलोचना की है। नाटो ने इस कदम को “खतरनाक और गैर-जिम्मेदार” बताया है। उधर पुतिन का कहना है कि अमेरिका ने अपने परमाणु हथियार यूरोप में रखे हुए हैं, ऐसे में उसे भी अपने हथियार बेलारूस में रखने का हक है।परमाणु ताकत अमेरिका ने रूस के इस कदम को अधिक महत्व नहीं दिया है, लेकिन नाटो ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नाटो प्रवक्ता ने कहा कि रूस लगातार परमाणु हथियारों के प्रसार की तरफ कदम बढ़ा रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के शीर्ष सुरक्षा सलाहकार ओलेक्सी डेनिलोव ने कहा कि रूस का यह कदम बेलारूस को अस्थिर कर देगा। उन्होंने आरोप लगाया कि रूस ने बेलारूस को ष्बंधकष् बना लिया है। यूक्रेन ने इस बारे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का आग्रह किया है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से रूस द्वारा परमाणु हथियारों के उपयोग को रोकने के लिए ष्निर्णायक कदमष् उठाने को कहा है।
वहीं पुतिन का कहना है कि बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको लंबे समय से इस तैनाती का अनुरोध कर रहे थे। सैन्य विशेषज्ञ रूस के इस कदम को महत्वपूर्ण मानते हैं क्योंकि 1990 के दशक के बाद यह पहली बार होगा कि जब रूस अपने देश से बाहर परमाणु हथियार तैनात करेगा।पुतिन ने साथ ही इस बात से इनकार किया कि मास्को बीजिंग के साथ सैन्य गठबंधन बना रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिमी देश द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और जापान की साझेदारी के समान नई ष्एक्सिस या धुरीष् बना रही हैं।अगर युद्ध मैदान की बात की जाए तो रूस के रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि उसकी सेना ने यूक्रेन में खारकीव, डोनेट्सक, जापोरिज्जिया और खेरसोन क्षेत्रों में सैन्य ठिकानों पर निशाना साधा। इन हमलों में कई यूक्रेनी लोग मारे गए या घायल हुए।