नई दिल्ली। रेलवे ट्रेन से बिना टिकट यात्रा करने वालों और नियम-कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करता है और इसका सबूत यहा है कि रेलवे ने बिना टिकट यात्रा करने वालों पर कार्रवाई करते हुए 2200 करोड़ का राजस्व प्राप्त किया है। रेलवे ने बताया कि 2022-23 में गलत टिकट या बिना टिकट यात्रा कर रहे 3.6 करोड़ यात्रियों को पकड़ा जो कि पिछले साल की तुलना में करीब एक करोड़ अधिक है।
मध्य प्रदेश के कार्यकर्ता चंद्र शेखर ग्वार द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत दायर किए गए प्रश्न के जवाब में, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने पिछले तीन वर्षों में ऐसे यात्रियों से उत्पन्न राजस्व दिखाते हुए डेटा भी प्रस्तुत किया। आंकड़ों के मुताबिक इसकी कमाई 2020-21 में 152 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 1,574.73 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2022-23 में 2,260.05 करोड़ रुपये हो गई।
2022-23 में रेलवे द्वारा बिना टिकट पकड़े गए यात्रियों की संख्या कई छोटे देशों की आबादी से ज्यादा है। पकड़े जाने पर बिना टिकट यात्री को टिकट की वास्तविक कीमत के साथ कम से कम 250 रुपये का जुर्माना देना होगा। अगर कोई जुर्माना देने से इनकार करता है या उसके पास ऐसा करने के लिए पैसे नहीं हैं, तो उन्हें रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को सौंप दिया जाता है और रेलवे अधिनियम की धारा 137 के तहत मामला दर्ज किया जाता है।
जो जुर्माना नहीं दे पाता है तो उसे फिर एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाता है, जो उस पर 1,000 रुपये तक का जुर्माना लगा सकता है। यदि व्यक्ति अभी भी जुर्माना नहीं देना चाहता है, तो उसे छह महीने तक की जेल हो सकती है। यात्रियों ने, हालांकि, ट्रेन सेवाओं में मांग-आपूर्ति बेमेल होने की शिकायत की है।