लखनऊ। कुछ बिजली कंपनियों में आव्यवहारिक आदेश किए जा रहे हैं। इस पर पावर आॅफिसर एसोसिएशन पदाधिकारियों ने चेयरमैन पावर कारपोरेशन से की वार्ता कर अपना विरोध दर्ज कराया। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन ने गंभीरता से विचार का आश्वासन देते हुए कहाकि किसी भी अभियंता कार्मिक का अहितनहीं होगा ।
बिजली कंपनियों में किए जा रहे कुछ आव्यवहारिक आदेश को लेकर आज उत्तर प्रदेश पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में एसोसिएशन का 7 सदस्यों वाला प्रतिनिधि मंडल पावर कारपोरेशन व बिजली कंपनियों के चेयरमैन एम देवराज से मिला। प्रतिनिधि मण्डल ने उन्हें अवगत कराया कि विगत दिनों पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम ने आव्यवहारिक आदेश कर सभी अधीक्षण अभियंता मुख्य अभियंता लोकेशन की गूगल फोटो प्रतिदिन 9 बजे मुख्यालय को प्रेषित करें। जो पूरी तरह उचित नहीं है। क्योंकि सभी सीनियर अभियंता पहले से ही समय से अपने दफ्तर पहुंच रहे इसकी कोई आवश्यकता नहीं है। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने केवाईसी योजना में 8 बजे से 8 बजे यानी कि 12 घंटे की ड्यूटी आदेश पर भी पुनर्विचार करने की मांग उठाई। प्रतिनिधि मण्डल ने शंका जताई कि शायद यह आदेश शिफ्ट के रूप में लागू हो रहा होगा, लेकिन यदि एक ही कार्मिक के लिए यह आदेश लागू हुआ है तो इस पर पुनर्विचार किए जाने की आवश्यकता है। प्रतिनिधियों ने अनुशासनात्मक कार्यवाही के मामले में मुद्दा उठाते हुए कहा अनेकों ऐसे अभियंता हैं जिनका प्रोन्नत चयन के फलस्वरुप उनका लिफाफा बंद है। उनके मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए उनकी प्रोन्नति को अभिलंब कराया जाए। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन श्री एम देवराज ने सभी बिंदुओं पर चर्चा करने के बाद कहा सभी मामलों पर गंभीरता से पावर कारपोरेशन प्रबंधन विचार करेगा किसी भी कार्मिक का कोई अहित नहीं होगा अध्यक्ष पावर कारपोरेशन ने एसोसिएशन से उन मामलों की लिस्ट मांगी जिनकी पदोन्नत लिफाफा बंद के कारण बाधित है। पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम देवराज से मुलाकात करने वालों में पावर ऑफिसर एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ,उपाध्यक्ष एस पी सिंह, पीएम प्रभाकर ,महासचिव अनिल कुमार अतिरिक्त महासचिव अजय कुमार संगठन सचिव रामबरन व हरीश चंद्र वर्मा प्रमुख थे ।