नई दिल्ली। लोकसभा में शुक्रवार को सूचित किया गया है कि देश के आगामी चुनाव में रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) का उपयोग करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। यह एनआरआई मतदाताओं के उपयोग के लिए भी प्रस्तावित नहीं किया गया है। संसद के लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने लिखित जवाब में कहा कि चुनाव आयोग के अनुसार आगामी चुनावों के लिए आरवीएम पेश करने का प्रस्ताव नहीं है।
इस साल 10 विधानसभा चुनाव होने हैं और साल 2024 में लोकसभा चुनाव भी होगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग ने यह भी सूचित किया है कि एनआरआई मतदाताओं के उपयोग के लिए आरवीएम प्रस्तावित नहीं है। साथ ही केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) ने चुनाव आयोग और पोल पैनल की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के मार्गदर्शन में श्मल्टी कांस्टीट्यूएंसी रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनश् का एक प्रोटोटाइप तैयार किया है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने सभी राष्ट्रीय और राज्य राजनीतिक दलों को एक नोटिस भेजा है जिसमें उनसे दूरस्थ मतदान के जरिए मतदान में प्रवासियों की भागीदारी को सुधारने के लिए कहा गया है। नोटिस में श्प्रवासी मतदाताश् को परिभाषित करने, क्षेत्रीय अवधारणा को संबोधित करने, दूरस्थ मतदान की विधि और वोटों की गिनती, आदर्श आचार संहिता को लागू करने और स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए नियंत्रित वातावरण स्थापित करने जैसे कई मामले शामिल हैं।
चुनाव आयोग द्वारा साझा किए गए विवरण का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि आरवीएम की शुरुआत होने से फर्जी वोट नहीं बढ़ेंगे। ईसीआईएल द्वारा विकसित प्रोटोटाइप आरवीएम मौजूदा ईवीएम पर आधारित एक मजबूत प्रणाली है। इसके जरिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950, श्जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951, चुनाव आयोग के नियम और विभिन्न दिशा-निर्देश यह सुनिश्चित करेंगे कि मतदाता की पहचान सही है या नहीं।