ब्रसेल्स। रूसी हमले से रक्षा के लिए यूक्रेन को जब तक मदद की जरूरत होगी, तब तक नाटो उसे जारी रखेगा। यह बात उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेंस स्टोल्टेनबर्ग ने कही है। अमेरिका के नेतृत्व वाली 30 देशों का यह सैन्य गठबंधन यूक्रेन युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन की मदद कर रहा है। इन देशों की ओर से यूक्रेन को अभी तक करीब 30 अरब डालर की सैन्य मदद दी जा चुकी है। इनमें से करीब 20 अरब डालर की मदद केवल अमेरिका ने दी है।
रोमानिया में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक से पूर्व नाटो प्रमुख ने कहा, सदस्य देश निजी तौर पर या फिर समूह में एकजुट होकर यूक्रेन को हथियारों की मदद दें। यूक्रेन को बड़ी संख्या में एयर डिफेंस सिस्टम की जरूरत है, वे उसे दिए जाएं। संगठन के तौर पर नाटो किसी देश को हथियारों की आपूर्ति नहीं कर सकता है। स्टोल्टेनबर्ग ने कहा, यूक्रेन के साथ नाटो तक खड़ा रहेगा जब तक यूक्रेन चाहेगा। पूरे दौर में सदस्य देश यूक्रेन को सैन्य सहायता देते रहेंगे। उन्होंने कहा, सदस्य देश ईंधन, जेनरेटर, चिकित्सा उपकरण, ठंडक से बचाव वाले उपकरण और ड्रोन को जाम करने वाले उपकरण भेज रहे हैं। लेकिन भीषण ठंड के मौसम में यह मदद नाकाफी रहेगी। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर से जारी रूस के हमलों में बड़ी संख्या में यूक्रेन के ऊर्जा संयंत्र नष्ट हो गए हैं और उनमें बिजली का उत्पादन बंद हो गया है।
अमेरिका के उन्नत पैट्रियट मिसाइल डिफेंस सिस्टम को यूक्रेन को देने के मामले में जर्मनी और पोलैंड में ठन गई है। हाल ही में पोलैंड के सीमावर्ती गांव में मिसाइल गिरने से वहां रहने वाले तीन लोगों की मौत हो गई थी। शुरुआत में इस मिसाइल हमले के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया गया था। लेकिन बाद में हुई जांच में पाया गया था कि वह यूक्रेन के एयर डिफेंस सिस्टम से छोड़ी गई मिसाइल थी जो पोलैंड के गांव पर जा गिरी थी। उसी दौरान जर्मनी ने बचाव के लिए पोलैंड को पैट्रियट डिफेंस सिस्टम देने की घोषणा की थी। लेकिन पोलैंड ने उस सिस्टम को यूक्रेन को दिए जाने की जरूरत बता दी जहां पर आए दिन रूसी हवाई हमले हो रहे हैं। लेकिन जर्मनी ने यह डिफेंस सिस्टम यूक्रेन को देने से इन्कार कर दिया है। कहा है कि नियमानुसार यह सिस्टम केवल नाटो के सदस्य देशों को दिया जा सकता है। चूंकि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है, इसलिए उसे नहीं दिया जा सकता।