लखनऊ। बिजलीकर्मियों का उत्पीड़न वापस लो – समझौता लागू करो राज्यध्निगमध्निकाय कर्मचारी संयुक्त मंच, उप्र के आह्वान पर 28 मार्च को राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जनपदों में राज्य कर्मचारियों, अधिकारियों एवं शिक्षकों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन कर बिजली कर्मियों के साथ एक जुटता का परिचय दिया।राजधानी लखनऊ में सरोजनी नायडू, पार्क स्थित बी. एन. सिंह प्रतिमा स्थल पर विशाल विरोध सभा एवं प्रदर्शन हुआ। वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, बरेली, आगरा, अलीगढ़, मथुरा, झांसी, बान्दा, कानपुर, अयोध्या में बड़े प्रदर्शन में हजारों की तादाद में कर्मचारी सम्मिलित हुए। प्रदेश के सभी जनपदों में उत्साह के साथ कर्मचारियों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
संयुक्त मंच ने चेतावनी दी है कि यदि 02 अप्रैल, 2023 तक बिजली कर्मियों पर की गयी उत्पीड़नात्मक कार्यवाहियाँ वापस न ली गयीं तो 02 अप्रैल को बैठक कर संयुक्त मंच प्रान्तव्यापी आन्दोलन के कार्यक्रम घोषित कर देगा जिसका सारा उत्तरदायित्व सरकार का होगा।
लखनऊ में संयुक्त मंच के अध्यक्ष मण्डल के पदाधिकारियों हरि किशोर तिवारी, सतीश पाण्डेय, शशि कुमार मिश्र, एस.के. रावत, एस.पी. तिवारी, राम राज दुबे, मनोज मिश्र, रमेन्द्र श्रीवास्तव, कमल अग्रवाल, श्री गिरीश चन्द्र मिश्र, हरि शरण मिश्र, रिंकू राय, संयोजक अमरनाथ यादव एवं सह संयोजक कमलेश मिश्र, रेनू शुक्ल, राममूर्ति यादव और संरक्षक वी.पी. मिश्र ने बताया कि बिजली कर्मियों की विगत दिनों हुई हड़ताल के दरमियान प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री अरविन्द कुमार शर्मा द्वारा समझौता लागू करने एवं हड़ताल के दौरान की गयी समस्त उत्पीड़नात्मक कार्यवाही समाप्त करने हेतु पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज को निर्देश देने के बाद बिजली कर्मियों में हड़ताल वापस ले ली थी।
संयुक्त मंच के पदाधिकारियों उमाशंकर मिश्र, चन्द्रशेखर, प्रेम नाथ राय, दिलीप श्रीवास्तव, शिवबरन यादव, राम भजन मौर्य, बी.एल. कुशवाहा, आशीष यादव, रामसेवक शुक्ला, वाई.एन. उपाध्याय, जी.एन. सिंह, उदय नाथ सिंह, सुरेश सिंह यादव, राम कुमार धानुक, रीना त्रिपाठी, अमित खरे, कर्मेन्द कुमार, धर्मेन्द्र प्रताप सिंह, हेमन्त खड़का, बंशीधर मिश्र, आफिक सिद्दीकी, सुनील यादव, आर पी निगम, एस पी सिंह, नीरजपति त्रिपाठी ने बताया कि उत्पीड़न यथा निविदाध्संविदा कर्मचारियों की सेवा समाप्ति, विद्युत कर्मियों के निलम्बन और एफ.आई.आर. समाप्त करने के ऊर्जा मंत्री के स्पष्ट निर्देशों का पावर कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज पालन नहीं कर रहे हैं जिससे बिजली कर्मियों के हड़ताल वापस लेने के बाद भी ऊर्जा निगमों में टकराव का वातावरण बना हुआ है जो जनहित में नहीं है। विगत 03 दिसम्बर को ऊर्जा मंत्री के साथ हुए लिखित समझौते का क्रियान्वयन न करने के चेयरमैन एम. देवराज के हठवादी रवैये के चलते बिजली कर्मियों को 16 मार्च की रात से हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होना पड़ा था।