लखनऊ। अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा, महेश कुमार गुप्ता ने प्रदेश के सभी जनपदों में समस्त उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित हो, इसके लिये उन्होने सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि शासन की मंशानुरूप निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिये समुचित व्यवस्था सुनिश्चित कराने संबंधी निर्देशों का अपने-अपने क्षेत्रों में कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराये।अपर मुख्य सचिव ने कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ-साथ बिजली की मांग बड़ी है। अभी 23 मई को प्रदेश में बिजली की सर्वाधिक मांग 26,166 मेगावाट पहुँची थी। जनसामान्य को तथा अन्य वाणिज्यिक एवं औद्योगिक उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति उपलब्ध होती रहे, यह शासन की प्राथमिकता में है।उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा भी समय-समय पर निर्देशित किया गया है कि निर्बाध विद्युत आपूर्ति की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित रहे। अभी 24 मई को मुख्यमंत्री ने शासन तथा समस्त पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कांफेन्सिंग के दौरान भी ऐसे निर्देश दिये थे।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि जनपद एवं मण्डल स्तर प्रतिदिन विद्युत आपूर्ति की समीक्षा की जाये। अगर कहीं कोई लोकल फाल्ट हुई है तो उसे समय से ठीक कराया जाये। बिजली की शिकायतों के लिए पावर कारपोरेशन के टोल फ्री नम्बर 1912 पर जनता द्वारा दर्ज शिकायतों का समय से निस्तारण कराया जाये। स्टोर में पर्याप्त मात्रा में आवश्यक केबल, ट्रान्सफार्मर या अन्य सामग्री उपलब्ध हैं या नहीं, इसकी निगरानी की जाये। समाचार-पत्रों में बिजली आपूर्ति के सम्बन्ध में जब भी कोई समाचार प्रकाशित होता है तो उसे तत्काल दिखवा लिया जाये और उसके बारे में मीडिया की सही ब्रीफिंग कर दी जाये। कहा कि डिस्काम के अधिकारियों को यदि बिजली चोरी के अभियान या अन्य किसी कार्य हेतु पुलिस बल की स्थानीय स्तर पर आवश्यकता पड़ती है तो उसे अविलम्ब उपलब्ध कराया जाये। जनपद एवं मण्डल स्तर पर मुख्य अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता या अधिशासी अभियन्ता के स्तर पर यदि किसी समस्या का निदान नहीं हो पाता है तो सम्बन्धित डिस्काम के प्रबन्ध निदेशक या पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष या प्रबन्ध निदेशक को अविलम्ब सूचित किया जाय।
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित कराने हेतु उ.प्र. पावर कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा विभिन्न डिस्काम के माध्यम से विद्युत सुधार के लिये ठोस कदम उठाये जा रहे है। ऐसे समस्त स्थल जहां पर अधिभारिता के कारण अत्यधिक ट्रिपिंग होती है, उनका चिन्हांकन कर कार्य योजना बनाकर क्षमतावृद्धि का कार्य बिजनेस प्लान के अधीन कराया गया है। इसके लिये 850.00 करोड़ की धनराशि विद्युत वितरण निगमों को फरवरी 2023 में दी गयी है। समस्त जनपदों में स्थित भण्डार केन्द्रों में स्थानीय स्तर पर पर्याप्त सामग्री उपलब्ध रहे, यह सुनिश्चित कर लिया गया है तथा उक्त का अनुश्रवण डिस्काम के प्रबन्ध निदेशक स्तर पर भी किया जा रहा है। इस वर्ष मई, 2023 में बिजली की पीक डिमाण्ड 23 मई 2023 को 26,166 मेगावाट तक पहुंची, जो कि इसी माह में गत वर्ष की पीक डिमाण्ड 25,436 मेगावाट से भी अधिक है। वर्तमान में सम्पूर्ण प्रदेश में विद्युत आपूर्ति हेतु पर्याप्त ऊर्जा ज्पमक नच है तथा आपूर्ति में व्यवधान यदि कहीं हो रहा है तो वह मुख्यतया स्थानीय स्तर पर हो रहे ब्रेकडाउन के कारण हो रहा है।