ऐसे ही स्थानीय निकाय में एक महान आत्मा ने परिवेश किया। जिनके संघर्ष त्याग, कठोर परिश्रम और कर्मचारी एकजुटता एवं कर्मचारियों को उनका हक/माँगों को प्रदान कराने के लिए कॉमरेड स्व. रामनरेश सिंह ने अपने जीवनकाल का अधिकाँश समय कर्मचारियों के उद्धार के लिए समर्पित कर दिया।
आज भी नगर निगम लखनऊ एवं निकाय की छोटी से बड़ी इकाईयों में तथा राज्य कर्मचारियों/शिक्षकों/बैंकों के कर्मचारियों एवं उनका नेतृत्व कर रहे कर्मचारी नेताओं के मुख से उनका वर्णन होता है। उन्होंने जीवन में कर्मचारियों के उद्धार के लिये जो कुछ भी अपनी षिक्षा, संघर्ष, साहस के बल पर किया उसको अपने तक सीमित नहीं रखा। उन्होंने स्थानीय निकाय स्तर पर अनेकों लोगों को टेªड यूनियन नेतृत्व करने की शिक्षा-दीक्षा दी। उनके सानिध्य में आकर स्थानीय निकाय में अनेकों कर्मचारी नेताओं का जन्म हुआ। वर्ष 1986 के आन्दोलन में शिक्षक कर्मचारियों के साथ मिलकर पाँचवा वेतनमान लागू कराने के लिए व्यापक आन्दोलन किया। जिस आन्दोलन का नाम रखा गया कि ‘‘मेरा नेता 750’’ (अर्थात पाँचवा वेतनमान 750 रूपये) उस आन्दोलन ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया आन्दोलन में कामरेड स्व.राम नरेश सिंह जके साथ प्रमुख रूप से कर्मचारी नेता स्वण्मानधाता सिंह , ओम प्रकाश शर्मा शिक्षक नेता, पंचानन राय शिक्षक नेता, लल्लन पाण्डेय, कामरेड राकेश, तपे सिंह गोरखपुर नगर निगम, सरनाम सिंह सेंगर मुरादाबाद नगर निगम, कामरेड शेर सिंह नेगी कानपुर नगर निगम, इदरीस फारूखी कानपुर नगर निगम, कामरेड नागेष्वर कानपुर नगर निगम, जागेष्वर प्रसाद यादव महामंत्री राज्य कर्मचारी महासंघ, आलताब अहमद खान प्रान्तीय अध्यक्ष निगम कर्मचारी महासंघ उ.प्र., मोहम्मद आलम, मुख्तार अहमद जल संस्थान लखनऊ, पीर मोहम्मद निकाय कर्मचारी महासंघ, नगर निगम लखनऊ से रज्जन लाल धानुक, मोहन लाल वाल्मीकि, जय राम सिंह, मोहम्मद हकीम वारसी, दुर्गेश वाल्मीकि, मोहम्मद अकील, सुरेश चन्द्र धानुक, गंगा बक्श सिंह, अषोक गोयल, शशि कुमार मिश्रा, अबरार हुसैन आदि नेताओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया इनमें से कुछ नेताओ को जेल भी जाना पड़ा। तत्कालीन सरकार द्वारा ‘‘ काम नहीं तो दाम नहीं ‘‘ की नीति को अपनाते हुए आन्दोलनकारियों का वेतन भी रोके जाने का आदेष किया परन्तु आन्दोलनकारियों के हौसलों के आगे सरकार को कर्मचारियों की माँग माननी पड़ी। वर्ष 1986 के आन्दोलन ने स्थानीय निकाय की पहचान पूरे प्रदेश में करायी। उस आन्दोलन की बदौलत आज भी उत्तर प्रदेश का कर्मचारी लाभान्वित हो रहा है। कामरेड स्व. राम नरेश सिंह ने पाँच निकायों को मिलाकर पंच नगर महापालिका महासंघ का गठन किया।
कॉमरेड स्व. रामनरेश सिंह का जन्म 08. मई 1941 में ग्राम-अलीपुर स्थान पोस्ट-हलोर, जिला रायबरेली में हुआ था। उनके पिता का नाम स्व. बैजनाथ सिंह जी एवं माता जी का नाम स्व. शिवदेवी था। स्व. कॉमरेड रामनरेश सिंह की शिक्षा-दीक्षा प्राथमिक विद्यालय रायबरेली मेें हुई। उसके उपरान्त उन्होंने आगे की शिक्षा के.के.सी. इण्टर कालेज, लखनऊ मं प्राप्त की। उन्होंने अपनी सरकारी सेवायें जल संस्थान, लखनऊ 01.जनवरी 1960 में पम्प ऑपरेटर के पद से प्रारम्भ की। उनका विवाह 01 मई, 1959 को श्रीमती मुन्नी देवी (अब स्वर्गीय) से हुआ, उनकी दो पुुत्रियाँ श्रीमती पूजा सिंह, श्रीमती आराधना सिंह व दो पुत्र नीरज सिंह व स्व. पंकज सिंह हैं। कामरेड स्व. राम नरेश सिंह की एक बड़ी बहन, भाई स्वत्र रानी सिंह, बृजेश सिंह, उमाशंकर सिंह, शिवशंकर सिंह, शत्रुघ्न सिंह एवं स्व. राकेश सिंह हैं। कामरेड स्व. रामनरेश सिंह अपनी अधिवर्षता आयु 60 वर्ष पूर्ण कर लिपिक के पद से लखनऊ नगर निगम, लालबाग से 31 मई, 2001 को सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने अपने अन्तिम जीवन तक कर्मचारियांे के लिए संघर्ष करते हुए 23 दिसम्बर, 2010 अन्तिम विदाई दुनिया से ली। उन्होंने कर्मचारी समाज के साथ-साथ परिवार को भी एकजुटता में बाँधकर हमेशा अपने कर्मचारियों/प्रियजनों को संघर्श एवं एकता का पाठ पढ़ाया। उनके संघर्श, त्याग एवं कर्मचारी हितार्थ कार्याे से कर्मचारी समाज लाभ प्राप्त कर रहा है, कर्मचारी समाज उन्हें कभी भुला नहीं सकता है। उसी के परिणामस्वरूप कर्मचारी समाज एवं नगर निगम कर्मचारी संघ लखनऊ की माँग पर कॉमरेड स्व. रामनरेश सिंह के निवास स्थान एल.-84-ए, सेक्टर-एच, अलीगंज, पुरनिया, लखनऊ की रोड का नामकरण स्व. रामनरेष सिंह किये जाने पर उनका परिवार एवं कर्मचारी समाज अपने कोे गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
आनन्द वर्मा
अध्यक्ष
नगर निगम कर्मचारी संघ