लखनऊ। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने बिजली दर आदेश का अध्ययन करने के बाद ऐलान किया सोमवार को विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरों में कमी के लिए लोक महत्व याचिका दाखिल करेंगे। जिसमें वर्ष 2023- 24 मे निकले सरप्लस 7988 करोड के एवज में 10 प्रतिशत रिबेट की मांग रखते हुए विधिक तर्क प्रस्तुत किए जाएगे। उपभोक्ता परिषद के अनुसार बिजली कंपनियों पर 25133 करोड सरप्लस पर अपीलेट में मुकदमा तो वर्तमान में जो 7988 करोड सर प्लस निकला तो उस पर तत्काल दस प्रतिशत रिबेट क्यो नही दी गई।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कल विद्युत नियामक आयोग द्वारा जो नया बिजली दर तय किया गया है।उसमें प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर इस वर्ष 7988 करोङ रुपया सरप्लस अनुमोदित किया गया है जिस पर अभी कोई भी विधिक विवाद नहीं है। ऐसे में उपभोक्ता परिषद आयोग के सामने यह मांग उठाएगा कि प्रदेश की बिजली कंपनियों के लिए कल तय किए गए बिजली दर प्रस्ताव में जो कुल बिना सब्सिडी के फुल कास्ट राजस्व अनुमानित किया गया है। 85105 करोड है उसके आधार पर यदि सरप्लस 7988 करोड पर बिजली दरों में रिबेट की बात की जाए तो वह लगभग सभी विद्युत उपभोक्ताओं के लिए 10 प्रतिशत के करीब होगा। ऐसे में उपभोक्ता परिषद प्रदेश के उपभोक्ताओं के लिए 10 प्रतिशत रिबेट वर्ष 2023-24 में लागू करने की मांग करेगा यानी कि बिजली दरों में 10 प्रतिसत की कमी हेतु लोक महत्त्व याचिका दाखिल करेगा।दूसरी तरफ उपभोक्ता परिषद एक बार फिर विद्युत नियामक आयोग के सामने यह प्रस्ताव रखेगा कि प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का बिजली कंपनियों पर जो पहले से रुपया 25133 करोड सरप्लस चला रहा है उसके एवज में भी आयोग को आगे फैसला लेना चाहिए। यदि बिजली कंपनियां इसमें अडंगा डालेगी तो उपभोक्ता परिषद को विवश होकर अपीलेट ट्रिब्यूनल में भी गुहार लगानी पडेगी।
उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने आगे उत्तर प्रदेश सरकार से मांग रखी कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विधानसभा में यह ऐलान किया था कि 1 अप्रैल 2023 से किसानों की बिजली फ्री की जाएगी। ऐसे में अब जब उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग द्वारा नया टैरिफ आदेश जारी कर दिया गया है और उसमें सब्सिडी को सम्मिलित करते हुए नई दरें लागू की गई है। वर्तमान में यदि बिना सब्सिडी के किसानों के कुल राजस्व की बात की जाए तो उनसे वर्ष 2023-24 के लिए कुल लगभग 9835 करोड का राजस्व प्राप्त होना है। दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घरेलू शहरी व ग्रामीण किसानों के लिए घोषित कुल राजकीय सब्सिडी 15020 करोड में से 8174 करोड की सब्सिडी किसानों के लिए घोषित की जा चुकी है। ऐसे में उत्तर प्रदेश सरकार यदि लगभग1661 करोड और सब्सिडी दे दे तो उत्तर प्रदेश के लगभग 14 लाख किसानों की बिजली तुरंत फ्री हो जाएगी।
अवधेश कुमार वर्मा ने कहा अब प्रदेश की बिजली कंपनियों को इस बात पर गंभीरता से सोचना चाहिए कि जब विद्युत नियामक आयोग ने इस बार बिजली दर आदेश में स्पष्ट कर दिया कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर होने वाले खर्च की कोई भी भरपाई उपभोक्ताओं से नहीं की जाएगी और उसे बिजली दर में पास नहीं किया जाएगा। ऐसे में आप बिजली कंपनियां जो 25000 करोड से ज्यादा स्मार्ट कीपैड मीटर पर खर्च करने जा रही हैं। उसकी भरपाई कौन करेगा। यदि कोई योजना चलते हुए मीटर उतारकर नए मीटर लगाने की नई योजना केंद्र सरकार ले आ रहा है तो फिर उत्तर प्रदेश को केंद्र सरकार से इस मद में खर्च होने वाली राशि की मांग करनी चाहिए।