चंडीगढ़। एक क्रिकेटर को नौकरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की रिश्वत देने के मामले में मुख्यमंत्री भगवंत मान और पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी के बीच खींचतान और बढ़ गई है। सीएम मान ने चन्नी को चेतावनी देते हुए कहा कि वे 31 मई तक आरोप स्वीकार कर लें, वरना पूरी जानकारी सबूतों के साथ सार्वजनिक कर दूंगा। इसके बाद शाम को चन्नी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एक सीएम को झूठा प्रचार करना शोभा नहीं देता। अगर उनके पास सबूत हैं तो 31 मई तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार सुबह पंजाबी में ट्वीट करते हुए कहा कि मैं आपको सम्मानपूर्वक मौका देता हूं कि अपने भांजे-भतीजों द्वारा नौकरी के बदले क्रिकेट खिलाड़ी से रिश्वत मांगने की सारी जानकारी 31 मई को दोपहर 2 बजे तक सार्वजनिक कर दें, अन्यथा मैं फोटो, नाम और मिलने की जगह सहित सब कुछ पंजाबियों के सामने रख दूंगा।
गौरतलब है कि दो दिन पहले मुख्यमंत्री मान ने यह खुलासा किया था कि धर्मशाला में जब वह आईपीएल का मैच देखने गए तो पंजाब के एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी ने उनसे मिलकर बताया था कि जब वह नौकरी मांगने तत्कालीन मुख्यमंत्री चन्नी से मिले तो उन्होंने इस संबंध में अपने भांजे के पास भेज दिया।
चन्नी के भांजे ने नौकरी दिलाने के एवज में खिलाड़ी से दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी। खिलाड़ी ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसने चन्नी के भांजे को 2 लाख रुपये की पेशकश की तो भांजे ने उससे गाली-गलौच की। मुख्यमंत्री ने फिलहाल खिलाड़ी का नाम सार्वजनिक न करने की बात कहते हुए चन्नी को ताकीद की थी कि वह और दो दिन में अपने भांजे-भतीजों से मिलकर पूरे मामले का पता लगा लें।
पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मोरिंडा में कहा कि मुख्यमंत्री के पास अगर सबूत हैं तो एजेंसी को जांच का जिम्मा सौंपकर केस दर्ज करें। ये ट्वीट-ट्वीट खेलना बंद करें। जिसने भी पैसे लेकर यह काम किया हो उसे जेल में डालें। इस तरह ट्वीट कर झूठा प्रचार करना सीएम को शोभा नहीं देता है। अगर उनके पास सबूत हैं तो 31 मई तक इंतजार की जरूरत नहीं है।
चन्नी ने कहा, ‘जहां तक मेरे भांजो और भतीजों का सवाल है तो मैंने सबसे इस बारे में पूछ लिया है। किसी ने इस तरह का काम नहीं किया है।’पूर्व सीएम ने कहा कि जब वह मंत्री थे तो टॉस कर नौकरियां और पोस्टिंग देते रहे हैं, इस बारे में पूरी दुनिया जानती है। वह इस मामले को लेकर सौगंध खा चुके हैं। वहीं, जिन लोगों को नौकरियां दी गई हैं, उनसे भी इस बारे में पूछा जा सकता है कि उन्होंने किसी को पैसे दिए है या नहीं। इसके अलावा उन्होंने किसी से मिलने को उन्हें कहा था या नहीं। इस तरह का काम शोभा नहीं देता है। वह अच्छे इंटरनेशनल खिलाड़ी रहे हैं। उनकी पढ़ाई का सारा खर्च स्पोर्ट्स कोटे से आता रहा है। उनके तीन महीने में किए काम सरकार से बर्दाश्त नहीं हो रहे हैं। सरकार उन्हें जेल में डालने की रणनीति बना रही है।
चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि मुख्यमंत्री मान पंजाब के खर्चे पर जहाज से पूरे भारत का भ्रमण कर रहे हैं। इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं। दिल्ली सरकार की शक्तियों को बचाने के लिए वह पंजाब के पैसे जहाज के धुएं में उड़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह मुंबई, गुजरात, कर्नाटक, तामिलनाडु, पश्चिमी बंगाल समेत कई राज्यों में जा रहे हैं। आखिर पंजाब के लोगों को भी बताएं कि उनके इन दौरों की क्या उपलब्धि रही है। केवल जहाज का खर्च पंजाब पर डालने के लिए भगवंत मान को उसमें बैठाया जाता है। पहले जहाज दिल्ली जाता है और इसके बाद पूरे देश का भ्रमण करता है। इस तरह पंजाब के खजाने पर बोझ न डालें।
पूर्व सीएम चन्नी ने कहा कि उनकी कांग्रेस पार्टी की सरकार जब कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुवाई में चल रही थी उस समय बेअदबी और अनूसूचित जाति के लिए कुछ नहीं किया गया। बेअदबी का मामला पंजाब का अहम मसला है। इसके बाद पार्टी ने उन्हें हटाया और जिम्मेदारी उन्हें सौंपी। तीन महीने के कार्यकाल में उन्होंने डेरा प्रमुख का रिमांड लिया। जेल में जाकर पुलिस ने उनसे पूछताछ की। इसके बाद टीम हाईकोर्ट गई जबकि इनकी सरकार ने एक व्यक्ति को पकड़ा था और दूसरे दिन ही उसे छोड़ दिया। आखिरी इसके पीछे की क्या वजह है। क्या हरियाणा चुनाव के चलते ऐसा किया गया है।
चरणजीत सिंह ने कहा कि जब गुजरात में चुनाव चल रहे थे, उस समय सीएम ने गुजरात से बयान दिया था कि गोल्डी बराड़ पकड़ लिया है तो अब बताया जाए कि आखिर वह कहां पर है। इतना ही नहीं लॉरेंस बिश्नोई का इंटरव्यू पंजाब की किस जेल से हुआ है… उसके बारे में भी पंजाबी जानने चाहते हैं। यह बड़े दावे करते हैं लेकिन हालत यह है कि पंजाब के सरकारी दफ्तरों में बिना पैसे दिए काम नहीं होता है।