लखनऊ। मधुमेह को लेकर आज भारत देश में काफी भ्रांतियां हैं। मधुमेह के लिए फास्टिंग प्लाजमा ग्लूकोज और रैंडम प्लाजमा ग्लूकोज परीक्षण कराकर इस निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है कि किसी को डायबिटीज है या नहीं? इस बीमारी को पूरी तरह जानने के लिए यह जांच अधूरी है। इस बात की जानकारी वैज्ञानिक डॉक्टर एस. कुमार ने रविवार को दी। वह अपने “एप्रोप्रियेट डाइट थेरेपी” सेंटर के स्थानांतरण के मौके पर बोल रहे थे। यह सेंटर पहले लखनऊ के आशियाना में था अब गोखले मार्ग पर शुरू हो गया है।
डॉक्टर एस कुमार ने बताया कि उनके सेंटर की देश में 50 से अधिक शाखाएं हैं जो लोगों को मधुमेह को लेकर अवेयर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि डायबिटीज को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने के लिए समय-समय पर जागरूता अभियान चलाते रहते हैं। डॉक्टर एस कुमार का मानना है कि डायबिटीज कोई बीमारी नहीं है, इसे सही खान-पान एवं दैनिक दिनचर्या में छोटे -मोटे बदलाव कर दूर किया जा सकता है।
इस सेंटर के उद्घाटन के मौके पर अधीनस्त सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष प्रवीर कुमार बतौर मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद थे। इनके अलावा मुम्बई से डॉक्टर दीपा, दिल्ली से डॉक्टर वरुण समेत अन्य लोग मौजूद थे।